फिर भी कुुुुुछ अनजान बने हुए उस रास्तेे पर दोबारा जा पहुँचे। फिर भी कुुुुुछ अनजान बने हुए उस रास्तेे पर दोबारा जा पहुँचे।
हिंदी हमारे माथे की बिंदी ,हिंदी हमारे सम्मान की प्रतीक, हिंदी हमारी मातृभाषा। हिंदी हमारे माथे की बिंदी ,हिंदी हमारे सम्मान की प्रतीक, हिंदी हमारी मातृभाषा...
सूखे आवरण अनार के झूम रहे , सहज ही नूतन पुष्प खिल रहे । सूखे आवरण अनार के झूम रहे , सहज ही नूतन पुष्प खिल रहे ।
काँटों के बीच पला मैं, काँटों के बीच खिला मैं। काँटों के बीच पला मैं, काँटों के बीच खिला मैं।
चॉंद पर मानव का एक नन्हा क़दम , मानवता के लिये एक लम्बी छलॉंग। चॉंद पर मानव का एक नन्हा क़दम , मानवता के लिये एक लम्बी छलॉंग।
मैं किसी की अनकही व्यथा हूँ, पास आकर भी जिसे है लौट जाना। मैं किसी की अनकही व्यथा हूँ, पास आकर भी जिसे है लौट जाना।